नरेन्द्र सिंह नेगी (Narendra Singh Negi)
(माताः समुद्रा देवी, पिताः स्व. उमराव सिंह नेगी)
जन्मतिथि : 12 अगस्त 1949
जन्म स्थान : पौड़ी गांव
पैतृक गाँव : पौड़ी गांव जिला : पौड़ी
वैवाहिक स्थिति : विवाहित बच्चे : 1 पुत्र, 1 पुत्री
शिक्षा : स्नातक
संगीत प्रभाकर, संगीत स्नातक
जीवन का महत्वपूर्ण मोड़ः अभी आना बाकी है।
प्रमुख उपलब्धियाँ : उत्तराखण्डी लोक संगीत के सिरमौर।1974 से गढ़वाली लोकगीत/स्वरचित गीत गाने प्रारम्भ किए। 1978 से आकाशवाणी लखनऊ एवं नजीबाबाद के लिए गढ़वाली गीतों का गायन। दिल्ली व अल्मोड़ा केन्द्रों से भी गीतों का प्रसारण। 1982 से अब तक 26 ऑडियो कैसेट रिलीज। पारम्परिक लोक गाथाओं ;‘चक्रव्यूह भारत’ व ‘नौरता मण्डाण’ तथा मांगल गीतों -हल्दी हाथ, भाग 1 व 2 के ऑडियो संकलनों का संगीत-निर्देशन, संयोजन। 5 गढ़वाली फीचर फिल्मों तथा एक वीडियो फिल्म में संगीत-निर्देशन व गायन। उत्तराखण्ड व भारत के अनेक शहरों में मंचीय कार्यक्रमों की प्रस्तुति। अब तक तीन स्वरचित गढ़वाली गीत संग्रह ‘खुचकण्डी’, ‘गाण्यूं की गंगा स्याण्यू का समोदर’ और ‘मुट्ट बोटीकि रख’ प्रकाशित।
युवाओं के नाम संदेशः रहन-सहन, खान-पान, बोली-भाषा, रीति-रिवाज व प्रकृति प्रदत्त स्वभाव से अपनी पहचान बनाए रखें।
विशेषज्ञता : गीत-रचना, गायन, संगीत निर्देशन, संयोजन, मंचीय प्रस्तुति, संगीत-संवाद, जुगलबन्दी।
नोट : यह जानकारी श्री चंदन डांगी जी द्वारा लिखित पुस्तक उत्तराखंड की प्रतिभायें (प्रथम संस्करण-2003) से ली गयी है।
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[…] साइट पर आप इससे पहले नरेन्द्र सिंह नेगी जी का गाना “मुल-मुल कैकु हैंसणि छै तू” […]
[…] भाषण में सुप्रसिद्ध गीतकार एवं गायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने गढ़वाली बोली-भाषा के इतिहास पर […]
we like narender singh negi very much………………
[…] नरैंण’ गीत को नरेन्द्र की सीडी से सेंसर किये जाने की खबर सुन […]
Dear Sir..
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Appreciating your efforts.
All the best.
-Bij:)
hamare chahete negi gi aap sadev her sal her pal gati rahe aur logaon ke dil main chhap chodate rah jai negi, jai uttrakhan,jai bharat